गणपति जी पर दोहे।

गणपति जी पर दोहे।  

कलुष निकंदन पूज्य प्रभु, तुम हो देव महान
संकट सारे दूर हों, दो ऐसा वरदान।।

रिद्धि सिद्धि के देवता, पूर्ण करो सब काज
मंगलकारी देवता, रखो हमारी लाज।।

जग की सब बाधा हरो, गौरी तनय गणेश
जीवन हो सुखमय सभी, रहे न कहीं कलेश।।

ऐसा दो आशीष प्रभु, रहे न मन में दोष
सबके कारज पूर्ण हों, मन में हो संतोष।।

©✍️अजय कुमार पाण्डेय
        हैदराबाद
        31अगस्त, 2022

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