वसुधैव कुटुंबकम।
धरती माता की शान रहे
शिक्षा, संस्कृति और सभ्यता
पर सबको अभिमान रहे।।
ऊंच नीच का भेद नहीं हो
जाति धर्म अवरोध नहीं हो
सबके हों अधिकार सुरक्षित
मन में कहीं विरोध नहीं हो।।
घृणा भाव से ऊपर उठकर
जन-जन के मन में प्रेम रहे
सम्मान करें इक दूजे का
बस मानवता ही श्रेष्ठ रहे।।
एक धरा है एक विश्व है
हम सबको इसका भान रहे
वसुधैव कुटुंबकम मंत्र सभी का
गुंजित सदा अभियान रहे।।
©✍️अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
31जुलाई, 2022
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