जीवन अपना बहला लेना।
ना जाने कब मिट जायेंगे
आज मिले हैं जीवन पथ में
दूर कहाँ तक चल पायेंगे
क्षणभंगुर है जीवन अपना
कल जाने सब मिट जाना है
मिटने से पहले जीवन के
कुछ गीत मनोहर गा लेना
मन में प्रियवर भाव सजा कर
जीवन अपना बहला लेना।।
जीवन में पग पग पर तुमको
फूल मिलेंगे शूल मिलेंगे
रिश्तों के ये महासमर भी
कभी प्रेम तो कभी छलेंगे
पग पग राहें नहीं मखमली
काँटों की शैय्या भी होगी
जीवन के इस कटू सत्य को
अपने मन को समझा लेना
मन में प्रियवर भाव सजा कर
जीवन अपना बहला लेना।।
©✍️अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
06दिसंबर, 2021
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