जज्बात में।

जज्बात में।  

प्रेम का पथ मिला तुमसे सौगात में
यूँ लगा चाँदनी घुल गयी रात में।।
जब भी तुमसे मिले द्वार मन के खुले
तारे संग संग चले चाँदनी रात में।।
मन ने मन से कहा तन ने तन से कहा
रूप सजने लगे बात ही बात में।।
शब्द का अर्थ हो भाव का मर्म हो
गीत रचने लगे प्रीत के गात में।।
तन भी भींगा यहाँ मन भी भींगा यहाँ
प्रेम की मखमली आज बरसात में।।
तुम कहो ना कहो हमने सब सुन लिया
पलकों से जो बहे अश्रु जज्बात में।।

©✍️अजय कुमार पाण्डेय
        हैदराबाद
        17दिसंबर, 2021


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