कोटि कोटि सुख पावत।
छवि अतुलित मन भावत
शोभा अति विशाल मन मोहत
साची कह गुन गावत
अंग अंग पिय प्रेम सजत हौ
देखी जबहि लुभावत
कहे अजय छवि देख प्रभू की
कोटि कोटि सुख पावत।।
©️✍️अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
16सितंबर, 2021
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