दिल का दर्द।
रहते हो कहाँ मुझको फकत अपना पता देना
नहीं आऊँगा मैं मिलने जब तक तुम न चाहोगे
मगर पूछे कभी तो बस मुझे अपना बता देना।।
लगी जो चोट इस दिल पर छुपाना भी बहुत मुश्किल
दिए जो घाव तानों ने बताना भी बहुत मुश्किल
के फिर भी जी रहे थे हम भुला कर दर्द वो सारे
मिला जो भी जमाने से जताना है बहुत मुश्किल।।
चला जाऊँगा मैं तुमसे नहीं मिलने फिर आऊँगा
गाये गीत जो संग संग नहीं फिर मैं गाऊँगा
तुम्हे अफसोस न होगा कभी मेरी वफ़ा पर दिल
लगी क्या चोट इस दिल पर नहीं तुमको दिखाऊँगा।।
©️✍️अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
24सितंबर, 2021
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