दुनिया एक मुसाफिरखाना।

दुनिया एक मुसाफिरखाना।  

खाली हाथ हो आये जग में खाली हाथ ही है जाना
सभी आदमी सौदागर हैं दुनिया एक मुसाफिरखाना

पग पग कितने अरमानों ने
जीवन मे डेरा डाला
कुछ आशाएँ चलीं दूर तक
कुछ को पलकों ने पाला।
पले स्वप्न पलकों में जितने उनमें ही है जीवन जाना
सभी आदमी सौदागर हैं दुनिया एक मुसाफिरखाना।।

बहती जीवन की सरिता के
नैया तुम पतवार तुमी
सागर से जो उठी तरंगें
उनकी जीवन धार तुमी
सागर से मिलने की खातिर सरिता को है चलते जाना
सभी आदमी सौदागर हैं दुनिया एक मुसाफिरखाना।।

एक जनम का जीवन है ये
साथ नहीं कुछ जाएगा
जो कुछ भी बोया है तुमने
उसका ही फल पायेगा
मिला यहाँ जो कब अपना था अब खोया तो फिर क्या रोना
सभी आदमी सौदागर हैं दुनिया एक मुसाफिरखाना।।

होड़ मची पाने की ऐसी
कितने जीवन उजड़ गए
मोती के लालच में पड़कर
कितने अपने बिछड़ गए
सबका अंत सुनिश्चित है जब फिर क्या खोना अरु क्या पाना
सभी आदमी सौदागर हैं दुनिया एक मुसाफिरखाना।।

©️✍️अजय कुमार पाण्डेय
        हैदराबाद
        15जून, 2021

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