ख्वाहिश।
बीते हर पल तेरी बाहों में बस यही ख्वाहिश है।।
ना कोई क्लेश रहे मन में और ना शिकवा कोई
खुश रहूँ हर पल तेरी राहों में यही फरमाइश है।।
रहे बस प्रेम मेरे मन में और मेरे गीतों में
रचूं नव गीत सदा जीवन के मेरि यही ख्वाहिश है।।
©️✍️अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
18जून, 2021
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