अधरों का पुष्प।
तुम जब भि साथ रहते हो मुझे कोई गम नहीं होता
मिला जो कुछ भी मुझे तुमसे कभी भी कम नहीं होता
कहे कुछ भी कोई लेकिन यही समझा है मैंने की
मोहब्बत करने के लिए कोई मौसम नहीं होता।।
तुम्हारा साथ मुझे पल पल यही अहसास देता है
सुरक्षा का समर्पण का हरपल मुझे आभास देता है
तुम्हारे साथ हि अब हमने लिखी अपनी कहानी है
तुम्हें देखूँ मैं जब जब भी मुझे विश्वास होता है।।
तुम्हारी चाह का दीपक हमेशा दिल में जलता है
तुम्हारे जिक्र से हरपल सुकून दिल को मिलता है
खिलते होंगे हजारों पुष्प भले ऋतुओं की मर्जी से
मगर अधरों का ये पुष्प तेरे अधरों से खिलता है।।
©️✍️अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
31मई, 2021
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