तीन बाल कविताएँ
कौआ बोले काँव काँव
हाथी बोला सूंढ़ उठाकर
चलो घूमने गाँव गाँव।।1।।
बंदर मामा चले घूमने
ले झोला शॉपिंग मॉल में
देख मिठाई जी ललचाया
बैठ गए वहीं हॉल में।।
एक मिठाई उठा लिए जब
मालिक ने पैसा माँगा
मुँह चिढ़ा कर बंदर मामा
फिर झोला लेकर भागा।।2।।
लोमड़ मौसी चली घूमने
आज शहर की ओर
सूट बूट औ चश्मा पहने
लगीं खूब मचाने शोर।।
सुनकर शोर आयी पुलिस
डंडा लेकर हाथ में
और पकड़कर पुलिस ले गयी
उनको अपने साथ में।।
उठक बैठक उन्हें कराई
और फिर वसूली फीस
बेचारी कुछ कह ना पाईं
चुपचाप निपोरी खीस।।3।।
©️✍️अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
16मई, 2021
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