जंग अभी भी बाकी है।
जंग अभी भी बाकी है
अभी तो केवल चित्र बने हैं
रंग अभी भी बाकी है।
छोटी छोटी उम्मीदों का
है भार तुम्हारे काँधों पर
कितनी ही आशाओं का
अनुमान तुम्हारे काँधों पर।
अगणित पलकों में सपने हैं
इंतजार अभी भी बाकी है।
थक कर बैठ नहीं तुम जाना
जंग अभी भी बाकी है।।
तुमने जो उद्देश्य चुने हैं
दुष्कर हैं अत्यंत माना
दृढ़ इच्छाशक्ती ने तेरे
अवरोधों को कब पहचाना।
मार्ग के सभी अवरोधों का
आलिंगन अब भी बाकी है।
थक कर बैठ नहीं तुम जाना
जंग अभी भी बाकी है।।
बने बिगड़ते इस जीवन में
तेरा भी तो हिस्सा है
होगी सबकी लाख कहानी
तेरा भी कुछ किस्सा है।
अपने हिस्से के किस्से की
पहचान बनाना बाकी है।
थक कर बैठ नहीं तुम जाना
जंग अभी भी बाकी है।।
©✍️अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
16मई, 2021
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