तराना प्रेम का।
बात दिल की कभी तुम कहो तो सही।
है ये वादा मेरा हर घड़ी साथ हूँ
कभी यूँ ही जरा तुम मिलो तो सही।।
प्रीत की रीत कितनी सुहानी यहाँ
लोकगीतों में सुनी कहानी यहाँ
हीर राँझा कहो सोहनी महिवाल
याद सबके लवों पर जुबानी यहाँ।।
चलो हम तुम गढ़ें इक नया प्रेम ग्रंथ
चलो हम तुम रचें इक नया प्रीत पंथ
जिसपे चल कर जहाँ ये सुहाना लगे
और गूंजे दिलों में नया प्रीत मंत्र।।
तुम चलो हम चलें फिर उसी राह पर
गीत नूतन लिखें हम उसी राह पर
हर लवों पर हमारे फसाने रहें
सदियों तलक गूँजते तराने रहें।।
©️✍️अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
13मई, 2021
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