नव संवत्सर।

नव संवत्सर।  

सौम्य मनोहर नव संवत्सर
नूतन भाव पुण्य संवत्सर
हृदय हृदय नव पुष्प खिले
शुभम करोति भाव संवत्सर।

सर्व जगत नव मंगल कारिणी
कर कमल हृद पुण्य विचारिणी
सद्विचार पोषक जन तारक
जन गण मन सर्व दुख हारिणी।

पग पग गुंजित वीणा के स्वर
ज्ञान ध्यान भाव हो उच्चतर
तम हारिणी प्रकाश संवाहक
जन जन तारक नवसंवत्सर।

©️✍️अजय कुमार पाण्डेय
        हैदराबाद
        13अप्रैल, 2021

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