जिंदगी मुस्कुराती है।

जिंदगी मुस्कुराती है।  

उम्र की दौड़ से कौन बचा है भला
वक्त रुकता कहाँ वो सदा ही चला
चलते चलते आखिर घड़ी आ गयी
औ जुदाई में भी ज़िंदगी छा गयी।।

क्या कहूँ आपसे जो सहारा मिला
आपके साथ चल कर किनारा मिला
जब जरूरत हुई साथ हमको मिला
हर कदम आपका हाथ हमको मिला।

मुश्किल जो मिली सारे हल हो गए
खुशनुमा जिंदगी के वो पल हो गए
आपके रूप में एक साथी मिला
राहों में आपसे ही गुल खिल गए।

बिछड़ तो रहे पर खुशी भी छा रही
मायूसी में भी इक हँसी आ रही
नव जीवन की आपकी शुरुआत है
आपको देख जिंदगी मुस्कुरा रही।।

✍️©️अजय कुमार पाण्डेय
       हैदराबाद
       27दिसंबर, 2020



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