मध्यमवर्ग की रोटी।
ताकतवर की कोठी में
देख रहे भविष्य सब अपना
मध्यमवर्ग की रोटी में।
सारे मिलकर राह सुझाते
एक एक कर बात बताते
सबको लेकिन एक ही चिंता
मध्यमवर्ग की रोटी में।
कैसे सत्ता से मिल जायें
कैसे सत्ता में मिल जायें
एक मगर उद्देश्य सभी का
मध्यमवर्ग की रोटी में।
सब्जबाग का घेर बनाते
कितने ही सपने दिखलाते
दूरदृष्टि की बातें सारी
मध्यमवर्ग की रोटी में।
कभी मुफ्त की बातें होतीं
नजर मगर चोटी पर होती
और इशारा होता हर पल
मध्यमवर्ग की रोटी में।
पोथी पढ़ सब ज्ञान सुझाते
कितने ही अनुमान लगाते
अनुमान ठहर जाते सारे
मध्यमवर्ग की रोटी में।
पांचसितारा बैठक में तो
बात गरीबी की होती है
जाने आँख ठहर जाती क्यूँ
मध्यमवर्ग की रोटी में।।
मध्यमवर्ग की हिस्से में बस
चर्चाओं का बाजार गर्म है
आखिर क्या सुकूं मिलता है
मध्यमवर्ग की रोटी में।।
✍️©️अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
26दिसंबर, 2020
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