बिफ़िक्री में जीवन।
बेफिक्री में साथ तेरे
डूब रहा है अहसासों में
मूक मगर संवाद लिए।
दिल करता है सब कह दूँ
तुमसे मैं दिल की बातें
और रोक कर चपल वक्त को
भेंट करूँ मैं सौगातें।
हर पल साँस समाहित तुझमें
उर स्पंदित प्रणय भाव है
बेफिक्री के स्वच्छंद पलों में
लगता बस तेरा प्रभाव है।
उलझन से उन्मुक्त हुई मैं
मिला सुकूं यादों में तेरी
पल पल जीवन मुखरित मेरा
अहसासों वादों में तेरी।।
✍️©️अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
25दिसंबर, 2020
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें