आओ मिलकर दीप जलाएं।
आओ मिलकर दीप जलाएं
आओ मिलकर दीप जलाएं।।
दूर तिमिर हो जाये जग से
मन चित्त को प्रकाशवान बनाएं
हर चेहरे पर मुस्कान जगाने
का ऐसा कुछ पर्याय बनाएं।
आओ मिलकर दीप जलाएं।।
चाहत के पंख फैलाकर
सपनों को यथार्थ बनाएं
अपने आत्मबल के बल पर
जग को प्रकाशवान बनाएं।
आओ मिलकर दिया जलाएं।।
राष्ट्र हमारा घिरा हुआ है
तिरोभूत प्रतिपक्षी से
इस प्रतिपक्षी के अवदारण को
सार्थकता का भाव जगाएं
आओ मिलकर दीप जलाएं।।
इस तन को दीप बना लें
स्नेह भाव का घृत भरकर
सदाचार को बाती कर
चंहुओर प्रेम प्रकाश फैलाएं।
आओ मिलकर दीप जलाएं।।
अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
04अप्रेल, 2020
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