यादें।

यादें।   

तेरी यादों के चिरागों को जलाया मैंने
खुद को खुद से ही आज फिर से मिलाया मैंने।।

बाद बरसों के इन हवाओं ने दस्तक दी है
आरजुओं को फिर हवाओं से मिलाया मैंने।।

बात कुछ ऐसी थी के चाह कर भी कह न सके
बारहा दिल के जज्बातों को भुलाया मैंने।।

अब तो यादों के सिवा कुछ भी नहीं है अपना
"देव" यादों में ही यादों को मिलाया मैंने

©✍️अजय कुमार पाण्डेय
        हैदराबाद
        14सितंबर, 2022


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

राम-नाम सत्य जगत में

राम-नाम सत्य जगत में राम-नाम बस सत्य जगत में और झूठे सब बेपार, ज्ञान ध्यान तप त्याग तपस्या बस ये है भक्ति का सार। तन मन धन सब अर्पित प्रभु क...