मैं जलियाँवाला बाग हूँ।
भावों का अविरल राग हूँ
मैं जलियाँवाला बाग हूँ।।
आजादी के मतवालों का
जीवन मैंने देखा है
रिपु के पैरों से कुचला
मैंने उपवन देखा है
नन्हें नन्हें शिशुओं के
पलकों से रिसता पराग हूँ
मैं जलियाँवाला बाग हूँ।।
राष्ट्रप्रेम का ध्वज वाहक मैं
आजादी की मृदु चाहत मैं
नैनों में जो स्वप्न पले थे
उन सपनों का वाहक मैं
रक्तिम भावों से घट घट का
मतवाला अनुराग हूँ
मैं जलियाँवाला बाग हूँ।।
कण कण रक्तिम भाव सुगंधित
पुष्पाच्छादित प्रभाव सुगंधित
आजादी के महातीर्थ मैं
प्रेम समर्पण भाव समर्पित
आजादी के महासमर में
बलिदानियों का त्याग हूँ
मैं जलियाँवाला बाग हूँ।।
©✍️अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
09फरवरी, 2022
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