गीतों में सारा समंदर लिखूँ।
प्रीत की रागिनी से मुलाकात हो
कुछ दिल में मेरे कुछ दिल में तेरे
जो कही ना गयी आज वो बात हो।।
शब्द तेरे मधुर छाँव में पल रहे
बनकर दीपक अँधेरों में जल रहे
राह रोकेगी क्या मुश्किलें मेरी
साथ मेरे कदम जब तिरे चल रहे।।
नींद की गोद में स्वप्न के पंख हों
रात की गोद में जश्न का रंग हो
गीत जो भी रचे चाँदनी प्यार से
पंक्तियों में सभी प्रीत का संग हो।।
प्राण का है प्रण गीतों में कुछ लिखूँ
शब्द में पंक्ति में भाव सुंदर लिखूँ
लिखूँ जो भी वो गूँजे आकाश में
अरु गीतों में सारा समंदर लिखूँ।।
©✍️अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
01दिसंबर, 2021
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