गहराई में जा कर देखो
तुमको कोई कमी मिलेगी
चेहरे पर हो भाव कोई
आंखों में पर नमी मिलेगी।
तेरे दिए सब घाव मिलेंगे
तुमने चले जो दांव मिलेंगे
गहराई में जा कर देखो
मुरझाए से भाव मिलेंगे।
सत्य कहा या झूठ कहा
प्रश्नों के भंडार मिलेंगे
छूट गईं जो बातें सारी
उन सबके अंबार मिलेंगे।
घायल मन की अंगनाई में
पीड़ित सब विश्वास मिलेंगे
गहराई में जा कर देखो
तेरे ही अभिशाप मिलेंगे।
हर पल तेरी राह चला मैं
आंख मूंद चुपचाप चला मैं
तेरी बस आशा थी मन में
हार सभी कुछ दांव चला मैं।
माना सारी खुशी मिलेगी
तुमको नई जिंदगी मिलेगी
गहराई में जा कर देखो
तुमको हर पल कमी मिलेगी।।
✍️©️अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
20जून,2020
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