अवरोधों का राही।

अवरोधों का राही।  

मुश्किल हैं राहों में माना 
पर तुझको तो चलना होगा।।

मन की भाषा पढ़ने को
मन से मन को आज मिला लो
गुजर रही इस बेला में
पुष्प नया फिर आज खिला लो।
हो मनुज तो मनुजता का
भाव हृदय में आज जगा लो
गीत रागनी छेड़े जब जब
अपनी भी आवाज मिला लो।

त्याग, समर्पण, प्रेम, भाव
संवाद हृदय में पलना होगा
मुश्किल हैं राहों में माना
पर तुझको तो चलना होगा।।

ये जिंदगी एक गीत है
औ रागिनी है प्यार की
साथ तेरे कट रही जो
है रुत वही बहार की
राग में जो बीतती है
उस जिंदगी का अर्थ है
औ रात वो जो घट चुकी
अब शोक उसका व्यर्थ है।

हैं भाव हृदय में जो तेरे
आज उसे कहना होगा
मुश्किल हैं राहों में माना
पर तुझको तो चलना होगा।।

सहज भाव है अभिव्यक्ती है
जीवन ही तेरी शक्ती है
होंगे अगणित मार्ग सभी के
उद्द्यम ही तेरी भक्ती है।
दूर शिखर तक जाना तुझको
तरुणाई अभि बाकी है
दुर्गम राहों को गढ़ने में
तू ही तेरा साथी है।

अपना साथी बनकर तुझको
अवरोधों से लड़ना होगा
मुश्किल है माना राहों में
पर तुझको तो चलना होगा।।

©✍️अजय कुमार पाण्डेय
        हैदराबाद
        16मई, 2021




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