वेद।
जिसने ज्ञान के प्रकाश से
जग को आलोकित किया
विश्व बंधुत्व भाव की
ज्योति प्रज्ज्वलित किया।
जिसने वसुधैव कुटुम्बकम का भाव
प्रथम, विश्व में अनुमोदित किया
जिसने ज्ञानपुंज के प्रकाश से
विश्व को आलोकित किया।
जब अन्य कोई ग्रन्थ नही था
इस विकल संसार में
अंधकार तब दूर करने को मिला
दिव्य वैदिक ज्ञान इस संसार में।
वेद, शास्त्र, उपनिषद, ब्राह्मण
स्मृतियां ज्ञान का भंडार हैं
जीवन जीना इक कला है
अध्यात्म है, विज्ञान हैं।
मनुष्यता के सिद्धांत को
विश्व में प्रतिपादित किया
भारतीयता के सम्मान को
हर हृदय में स्थापित किया।
ज्ञानयोग, कर्मयोग, तपयोग का
जीवन मे प्रमुख स्थान है
वेद रूपी पथप्रदर्शक जिसने दिया
वो हमारा हिंदुस्तान है।।
अजय कुमार पाण्डेय
हैदराबाद
10अप्रैल,2020
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें